बौद्ध धर्म


❖ बौद्ध धर्म के संस्थापक - गौतम बुद्ध


❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के उपाध्यक्ष - अश्वघोष


❖ महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी वन किस महाजनपद के अंतर्गत आती थी - कोशल महाजनपद


❖ महात्मा बुद्ध की शौतेली माता का नाम - प्रजापति गौतमी


❖ बुद्ध के प्रथम दो अनुयायी - काल्लिक तथा तपासु


❖ बुद्ध ने कितने वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया - 29 वर्ष की आयु में


❖ महात्मा बुद्ध द्वारा दिया गया अंतिम उपदेश - सभी वस्तुएँ क्षरणशील होती हैं अतः मनुष्य को अपना पथ-प्रदर्शक स्वयं होना चाहिए।


❖ किसे Light of Asia के नाम से जाना जाता है - महात्मा बुद्ध


❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में हुई - कनिष्क (कुषाण वंश) के शासनकाल में


❖ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, संघ


❖ महात्मा बुद्ध की माता का नाम - मायादेवी


❖ बुद्धकाल में वाराणसी क्यों प्रसिद्ध था - हाथी दाँत के लिए


❖ तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ, कब तथा किसकी अध्यक्षता में हुई - पाटलिपुत्र में, 251

 ई.पू.में, मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में


❖ गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ - 563 ई.पू.


❖ जिस स्थान पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई वह स्थान - बोधगया


❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के आयोजन का उद्देश्य - बौद्ध धर्म का दो समप्रदायों में विभक्त होना – हीनयान तथा महायान।


❖ बुद्धकाल में पत्थर का काम करने वाले कहलाते थे - कोहक


❖ गौतम बुद्ध के पिता का नाम - शुद्धोधन


❖ गौतम बुद्ध के बेटे का नाम - राहुल


❖ बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त संथागार शब्द का तात्पर्य - राज्य संचालन के लिये गठित परिषद


❖ गौतम बुद्ध का जन्म स्थान - कपिलवस्तु का लुम्बिनी नामक स्थान में


❖ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया - सारनाथ


❖ महात्मा बुद्ध के गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है - महाभिनिष्क्रमण


❖ तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ - सम्राट अशोक (मौर्य वंश) के शासनकाल में


❖ महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम - सिद्धार्थ


 बौद्ध संगीतियांः स्थान, अध्यक्ष, शासनकाल




“प्रथम बौद्ध संगीति”



स्थान ➛ राजगृह (सप्तपर्णी गुफा)


◎ समय ➛ 483 ई.पू.


◎ अध्यक्ष ➛ महाकस्सप


◎ शासनकाल ➛ अजातशत्रु (हर्यक वंश) के काल में ।


◎ उद्देश्य ➛ बुद्ध के उपदेशों को दो पिटकों विनय पिटक तथा सुत्त पिटक में संकलित किया गया।




“द्वितीय बौद्ध संगीति”




◎ स्थान ➛ वैशाली


◎ समय ➛ 383 ई.पू.


◎ अध्यक्ष ➛ साबकमीर (सर्वकामनी)


◎ शासनकाल ➛ कालाशोक (शिशुनाग वंश) के शासनकाल में।


◎ उद्देश्य ➛ अनुशासन को लेकर मतभेद के समाधान के लिए बौद्ध धर्म स्थापित एवं महासांघिक दो भागों में बँट गया।



“तृतीय बौद्ध संगीति”



◎ स्थान ➛ पाटलिपुत्र


◎ समय ➛ 251 ई.पू.


◎ अध्यक्ष ➛ मोग्गलिपुत्ततिस्स


◎ शासनकाल ➛ अशोक (मौर्यवंश) के काल में।


◎ उद्देश्य ➛ संघ भेद के विरुद्ध कठोर नियमों का प्रतिपादन करके बौद्ध धर्म को स्थायित्व प्रदान करने का प्रयत्न किया गया। धर्म ग्रन्थों का अंतिम रूप से सम्पादन किया गया तथा तीसरा पिटक अभिधम्मपिटक जोङा गया।




 “चतुर्थ बौद्ध संगीति”



◎ स्थान ➛ कश्मीर के कुण्डलवन


◎ समय ➛ प्रथम शता. ई.


◎ अध्यक्ष ➛ वसुमित्र


◎ उपाध्यक्ष ➛ अश्वघोष


◎ शासनकाल ➛ कनिष्क (कुषाण वंश) के काल में।


◎ उद्देश्य ➛ बौद्ध धर्म का दो सम्प्रदायों हीनयान एवं महायान में विभाजन।