स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important Facts About The Statue of Unity in Hindi
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel)
के 138 वें जन्मदिवस पर स्टेच्यू आॅफ यूनिटी का शिलान्यास किया था
जिसके तहत इस प्रतिमा की परियोजना की कुल लागत भारत सरकार द्वारा 3000
करोड़ रूपये रखी गई थी। जिसके लिए भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन
एंड टुब्रो (Larsen and Tubro) ने सबसे कम बोली लगाकर इसके निर्माण कार्य
और रखरखाव की जिम्मेदारी ली। 31 अक्टूबर, 2013 को स्टेच्यू आॅफ यूनिटी
का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और अक्टूबर 2018 में लगभग 5 वर्ष बाद इसका
निर्माण कार्य संपन्न हुआ। लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के दावे के अनुसार
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का बुनियादी ढ़ांंचा महज 33 माह (लगभग ढाई साल) के कम
समय में बनकर तैयार हुआ। यह अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) से पहले दुनिया की सबसे ऊंंची मूर्ति
का खिताब चीन की स्प्रिंग टैम्पल (Spring temple) में स्थापित भगवान
बुद्ध की प्रतिमा के पास था यह प्रतिमा 384 फीट ऊंची प्रतिमा है, लेकिन अब
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी होगी।
वर्ष 2010 में इस परियोजना की घोषणा की गई और योजना यह थी कि "लौह पुरूष"
की यह विशाल प्रतिमा लोहे से ही बनाई जाए, लेकिन इतना लोहा जुटाना आसान
बात नहीं थी लोहा जुटाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा एक ट्रस्ट बनाया गया
जिसका नाम था "सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट" इस ट्रस्ट द्वारा पूरे भारत में 36 कार्यालय खोल गए और लोहा जुटाने हेतु एक अभियान चलाया गया जिसका नाम था "स्टेच्यू आॅफ यूनिटी अभियान"
यह अभियान 03 माह तक चला जिसमें पूरे भारत वर्ष के लगभग 6 लाख ग्रामीणों
ने योगदान दिया जिसमें ज्यादातर लोहा खेतों में काम न आने वाले पुराने और
बेकार हो चुके औजारों के रूप में था। पूरे भारत के किसानों से लगभग 5 हजार
मैट्रिक टन लोहा दान में मिला, परियोजना के शुरूआत में योजना थी कि इसी
लोहे से मूर्ति का निर्माण होगा, लेकिन किन्हीं कारणों से इस लोहे से
मूर्ति का निर्माण नहीं हो सका पर इस लोहे से मूर्ति के अलावा और भी जो
कार्य थे उन सभी कार्यों को पूरा किया गया
स्टेच्यू आफ यूनिटी न्यूयार्क की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of
Liberty) से लगभग दोगुनी है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के अन्तर्गत एक बहुत
बड़ा हाईटेक संग्रहालय बना हुआ इस हाईटेक संग्रहालय को बनाने का एक मुख्य
उपद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम के हीरो रहे सेनानियों का 90
वर्षों का पूरा इतिहास पूरे विश्व में बताना है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को 182 फीट की ऊंचाई तक बनाने के पीछे का सच गुजरात विधानसभा की कुल सीटों की
संख्या है स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई गुजरात की विधानसभा की सीटों को
प्रस्तुत करती है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में जिस लोहे का
इस्तेमाल हो रहा है वह त्रिची (तिरूचिरापल्ली) से लाया जा रहा है
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना के शुरूआती अभियान से एक प्रार्थना पत्र बना
जिसका नाम सुराज है इसके अंतर्गत भारत की जनता अपनी राय भारत की सरकार को
दे सकती है इस प्रार्थना पत्र पर लगभग २ करोड़ लोगों ने बड़े उत्साह के
साथ हस्ताक्षर किये जिस कारण यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रार्थना पत्र बन
गया
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